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मैं Priya… 24 साल की, और अब ज़िंदगी के उस मोड़ पर थी जहाँ चाहत, ज़िद और नादानी सब एक साथ मिलते हैं। Rajeev से मेरा रिश्ता long distance था… वो शहर में नहीं था, लेकिन जब भी आता, वो मुझे एक होटल में बुलाता। आज भी उसने पहले ही पेमेंट कर दिया था — होटल का भी… और मेरे account में पैसे भी भेज दिए थे।
मैं कमरे में पहुँची तो Rajeev पहले से इंतज़ार कर रहा था। वो उठकर मेरी तरफ आया… और एक ही पल में मुझे अपनी बाँहों में भर लिया। उसके होठ मेरे माथे पर थे… लेकिन उसकी उँगलियाँ मेरी पीठ पर जिप ढूँढ रही थीं। उसके प्यार में वासना थी… और उसकी वासना में एक गहराई… जिसे मैं समझती थी, लेकिन अनजाने में खुद को सौंप देती थी।
“तू बहुत प्यारी लग रही है Priya… तू जानती है मैं तुझे सिर्फ चोदने नहीं बुलाता… मैं तुझे चाहता भी हूँ…” Rajeev ने कहा… और मुझे बेड पर धीरे से गिरा दिया। मेरी कमीज़ ऊपर खिसकी… और मेरी ब्रा उसकी हथेलियों में थी। उसने मेरी छातियों को चूमा… और मेरी आँखों से आँसू निकल पड़े — ना दर्द के, ना दुख के… सिर्फ बह जाने के।
मेरी चुदाई की शुरुआत यहाँ से हुई ➔ पहली बार, BF ने मेरी सील तोड़ी
Rajeev ने मेरी टाँगें खोलीं… और मेरी चूत को देखा — “ये मेरी है… सिर्फ मेरी…” उसने मुँह लगाया और मेरी हर परत को चाटा… मेरी उँगलियाँ उसके बालों में थीं… और मेरे होंठों से निकला — “Rajeev… आज मुझे जला दे… चीर दे… तू जो चाहे कर…”
उसने अपना लंड निकाला — बड़ा, गरम, और भारी… उसने मेरी चूत में धीरे से धँसाया… और फिर झटका मारा — “उफ्फ Rajeev… धीरे…” “नहीं आज नहीं… आज तू सब कुछ सहेगी… मैं तुझे याद दिलाऊँगा कि प्यार सिर्फ लोरी नहीं… कभी-कभी चूत फाड़ देने जैसा होता है…”
हर झटके में मेरी कमर उठ रही थी… मेरी आँखें उलट रही थीं… और मेरी चूत अब खुद Rajeev के लंड से लिपट रही थी।
मैं orgasm के करीब थी… लेकिन तभी Rajeev ने मेरी टाँगें ऊपर कर दीं… और मेरी गांड पर हाथ फिराया। “आज ये भी चाहिए Priya…” मैं काँपी — “Rajeev… तू…” “मैं प्यार करता हूँ… लेकिन तुझे पूरी तरह अपना करना चाहता हूँ…”
पिछला भाग पढ़ें - जिसमें मैंने Rajeev को cheat किया ➔ चुदने का मन हुआ… Ex Bf के पास गई, उसने चोद-चोद के मेरी चूत सुजा दी
Rajeev ने मेरी टाँगें ऊपर उठाईं और मेरी गांड की दरार पर उँगलियाँ फिराईं। “आज ये भी मेरी होगी Priya…” मेरी साँसें थम गईं — “Rajeev… वहाँ… पहली बार है…” उसने मेरी आँखों में देखा — “मैं दर्द नहीं दूँगा… पर आज तू पूरी मेरी होगी…”
उसने मेरी गांड को चूमा… नर्मी से… जैसे पहले चूमा नहीं गया कभी। फिर जीभ से उसे गीला किया — धीरे-धीरे… मेरी गांड अब फिसलने लगी थी… और मुझे खुद समझ नहीं आ रहा था कि मुझे शर्म आ रही है… या उत्तेजना।
“Rajeev… तू पागल है…” मैंने मुँह फेरकर कहा। लेकिन तभी उसने अपनी उँगली हल्के से अंदर की ओर सरकाई — मैंने हाँफते हुए उसकी कमर को पकड़ा — “आहh… धीरे… वहाँ tight है…”
“पता है जान… इसलिए प्यार से कर रहा हूँ।” उसकी उँगली ने मेरे छेद को धीरे से खोलना शुरू किया… और मेरी चूत अब बिना छुए भी भीग रही थी।
फिर उसने अपने लंड की नोक पर थूक लगाया… और मेरी गांड के दरवाज़े पर रखा — “Ready?” मैंने बिना आँखें खोले कहा — “कर ले Rajeev… तू जो चाहे कर ले…”
पहला धक्का धीमा था… लेकिन महसूस हुआ जैसे मेरी आत्मा तक कुछ घुस रहा है। मेरे होठ फड़क उठे… आँसू आने लगे… लेकिन मुँह से बस निकला — “Rajeev… तू… तू अंदर जा रहा है…” “हाँ Priya… और तू मेरी हो रही है… पूरी तरह…”
उसने जब पूरा लंड अंदर किया — मैं काँप गई… मेरी टाँगें उसकी कमर पर कस गईं… मेरी गांड tight थी… लेकिन अब Rajeev अंदर था… पूरा… गरम… और धड़कता हुआ।
फिर उसने धक्का देना शुरू किया — धीरे-धीरे… फिर थोड़े तेज़… अब मेरी चीखें दर्द में नहीं… एक अजीब से सुख में बदल रही थीं।
“Rajeev… तू सच में मेरी गांड ले रहा है…” “हाँ Priya… और तू मेरी है — आगे से भी, पीछे से भी।”
Rajeev अब मुझे दोनों जगह से भर रहा था… कभी चूत, कभी गांड… मैं पसीने में भीग चुकी थी… मेरी चूत थक चुकी थी… लेकिन Rajeev का प्यार और लंड — दोनों रुके नहीं।
हर झटके के साथ मैं उसकी तरफ और झुकती जा रही थी… और जब वो झड़ने को था, उसने मेरे होठों पर किस किया और कहा — “तू मेरी है Priya… मेरी गांड वाली जान…”
जब मैं उसके सीने पर गिरी… मेरे होठों से सिर्फ एक बात निकली — “Rajeev… तू प्यार करता है न मुझसे?” उसने माथा चूमा और कहा — “तू मेरी है Priya… तू मेरी रहेगी… और जब मैं दूर रहूँ… खुद को किसी और को मत दे देना…”
मैंने कुछ नहीं कहा… लेकिन दिल के अंदर कहीं guilt ने पहली बार सिर उठाया… क्योंकि जिस होटल के बेड पर मैं Rajeev से लिपटी थी… कुछ हफ्तों बाद… शायद Aakash से भी मिलने वाली थी।
आगे जानो कैसे — हर लंड को हाँ कहती गई मेरी चूत... और कैसे एक-एक कर सब से चुदती चली गई
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