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Sneha ki yeh kahani ek routine zindagi se chhoot kar ek purane dost ke saath anjaani physical attraction tak pahuchti hai, jahan chut ne sochne ka mauka hi nahi diya.
“तू बहुत प्यारी लग रही है Priya… तू जानती है मैं तुझे सिर्फ चोदने नहीं बुलाता… मैं तुझे चाहता भी हूँ…” Rajeev ने कहा… और मुझे बेड पर धीरे से गिरा दिया। मेरी कमीज़ ऊपर खिसकी… और मेरी ब्रा उसकी हथेलियों में थी। उसने मेरी छातियों को चूमा… और मेरी आँखों से आँसू निकल पड़े — ना दर्द के, ना दुख के… सिर्फ बह जाने के।