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ये उन दिनों की बात है जब मैं कॉलेज के हॉस्टल में रहती थी। बीस साल की थी, पर मेरी कामुक इच्छाएँ जैसे हर दिन और तेज़ होती जा रही थीं।‘मास्टर जी ने चूसा’, ‘मामी की गीली चूत’, ‘छुप छुप के चुदाई’ — ऐसी कहानियाँ पढ़ते-पढ़ते मेरी चूत भीग जाती थी।