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तेरा लंड अब भी गरम है… मेरे अंदर आने को बेकाबू…
मैं तेरे ऊपर झुकी हूँ, अपनी उंगलियों से तेरा चेहरा पकड़ कर तेरी आँखों में देखती हूँ…
"आज मुझे स्लो कर… जल्दबाज़ी नहीं… हर thrust, हर touch को महसूस करना है…
ऐसे जैसे वक़्त रुक गया हो..."
तू मुझे नीचे खींचता है… और मैं खुद ही तेरे लंड पर बैठ जाती हूँ… धीरे… बहुत धीरे…
तेरे लंड की गर्मी, मेरी गीली चूत के अंदर जैसे सदी की तड़प को सुकून देती है…
मैं हल्के-हल्के सहलाती हूँ — ऊपर नीचे…
तेरी साँसें तेज़ हो रही हैं, लेकिन तू मुझे रोक नहीं रहा…
तू मेरी कमर को पकड़कर मुझे खुद में और खींचता है…
और मैं बस आँखें बंद करके चुपचाप तेरे अंदर गहराई से समा रही हूँ…
"Feel कर मुझे बेबी… मैं तुझमें हूँ, पूरा..."
तेरा सीना मेरे सीने से टकराता है,
मेरे निपल्स तेरी गर्म खाल से रगड़ते हैं…
और मैं softly कराह उठती हूँ…
"आहह्… हाँ… बस ऐसे ही… थोड़ा और अंदर… और थोड़ा…"
तू मुझे kiss करता है… गहरी, लंबी, soulful kiss…
जैसे सब कुछ एक kiss में कह देना चाहता हो…
फिर तू मुझे नीचे सुलाता है… और अब तू मेरे ऊपर है…
तेरे thrusts heavy हैं, intense हैं…
हर बार जब तू अंदर जाता है,
मैं अपना नाम softly पुकारती हूँ —
"हाँ बेबी… बस ऐसे ही… मेरी चूत तुझे पूरा feel कर रही है…"
तेरे लंड की हर movement से मेरा पूरा जिस्म काँप रहा है…
और जब तू निकलता है,
मैं भी साथ ही छलक उठती हूँ…
हम दोनों एक साथ climax पर पहुँचते हैं —
जैसे आसमान और धरती एक हो गए हों।